देहरादून, सुद्धोवाला में राज्य महिला कल्याण विभाग की ओर से आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन हो गया है। समापन पर प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र बांटे गए। इस मौके पर रिटायर प्रमुख सचिव एवं रजिस्ट्रार जनरल नैनीताल हाईकोर्ट दिनेश प्रसाद गैरोला ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 15, 45 व 47 में बच्चों के कल्याण और संरक्षण के प्राविधान किए गए हैं। बाल कल्याण समिति और जेजे बोर्ड के सदस्य याद रखे कि बच्चों में निवेश भारत के भविष्य में निवेश है। अपराधी जन्मजात नहीं होता, परिस्थितियों से बनते हैं। विधि विरुद्ध हर बच्चे की पृष्ठभूमि अनिवार्य रूप से देखे, तभी उसके कृत्य पर निर्णय लें। चौराहे पर भीख मांगने वाले बच्चों का स्थायी पुनर्वास तत्काल करवाएं, ताकि उन्हें भविष्य का अपराधी बनने से रोकने में मदद मिले। इस मौके पर अपर सचिव एवं निदेशक महिला कल्याण प्रदीप रावत, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, सचिव कामिनी गुप्ता, डीपीओ अंजना गुप्ता, जिला विकलांग पुनर्वास केंद्र के अनन्त प्रकाश मेहरा, मुख्य प्रशिक्षक प्रो. ओमकार नाथ तिवारी, गिरीश पंचोली, डॉ. कंचन नेगी, डॉ. प्रतिभा शर्मा, अंजना गुप्ता, डीपीओ मीना, वर्षा, राजीव, अविनाश, सुनीता आदि मौजूद रहे।
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