ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की शुभकामनायें देते हुये कहा कि हरेला पर्व हर एक का पर्व बनें, हर परिवार का पर्व बनें। इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, भारत के 14वें राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी, साध्वी भगवती सरस्वती जी, श्रीमती सविता कोविंद जी और बेटी स्वाति कोविंद की दिव्य भेंटवार्ता हुई। हरेला के पावन अवसर पर स्वामी जी ने माननीय कोविंद जी को शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।
.स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि आईये हरेला मनायें, हरियाली लायें, खुशहाली पायें। हरेला पर्व पर पौधा रोपण कर हरियाली और खुशहाली लायें। यह उत्तराखंड का लोक पर्व ही नहीं बल्कि हरित संस्कृति का भी प्रतीक है। हरेला पर्व हमें अपनी धरती से जुड़ने की प्रेरणा देता हैं। हमारी धरती हरेले की तरह सप्त धान्यों को उगाने में सक्षम बनी रहे। हरेला पर्व हमें प्रकृति के प्रति भी संवेदनशील बने रहने व उसके संरक्षण के लिए सदैव सजग रहने का भी संदेश देता है। वास्तव में समृद्ध प्रकृति के बिना खुशहाल जीवन की कल्पना सम्भव नहीं है।